जबलपुर, डेस्क। मप्र उच्च न्यायालय ने रेत खनन के मामले में सरकार से पूछा है कि कम खनन करने के बावदजू अधिक रॉयल्टी क्यों वसूली जा रही है। चीफ जस्टिस रवि मलिमथ व जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने खनिज संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव, माइनिंग कॉरपेशन के डायरेक्टर व कलेक्टर पन्ना को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले पर अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी।
कटनी के शक्ति ट्रेडर्स की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ और अधिवक्ता प्रभांशु शुक्ला ने बताया कि याचिकाकर्ता को पन्ना जिले में 3,76,000 प्रति क्यूबिक मीटर रेत खनन प्रति वर्ष की अवधि के लिए खदान आवंटित की गई थी। बाद में राज्य पर्यावरण प्राधिकरण ने प्रति वर्ष केवल 85,000 प्रति घन मीटर के लिए पर्यावरण मंजूरी दी। माइनिंग विभाग ने 3 करोड़ 76 लाख की रॉयल्टी जमा करा ली, जबकि मंजूरी के अनुसार केवल 85 लाख ही रॉयल्टी बनती है।