जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर बताया गया कि कटनी जिला प्रशासन ने बिना अधिग्रहण निजी जमीन पर सरकारी सड़क का निर्माण कर लिया है। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने कटनी कलेक्टर को निर्देश दिए कि नियमानुसार मामले की जांच कर जमीन लेने के बदले उसका उचित मुआवजा तय कर भुगतान करें। न्यायालय ने पूरी कार्रवाई करने के लिए कलेक्टर को दो माह की मोहलत दी है।
कटनी के बड़खेरा नीमखेड़ा में रहने वाले चम्मू लाल कुशवाहा, जीना काछी व संतोष कुशवाहा ने याचिका दायर कर बताया कि खसरा क्रमांक 550 व 574 में याचिकाकर्ताओं की कुछ निजी जमीन पर सड़क बना दी गई। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता प्रमेन्द्र सेन ने बताया कि जमीन लेने के पहले अधिग्रहण की प्रक्रिया भी नहीं अपनाई गई। याचिकाकर्ताओं ने जमीन के बदले एसडीओ को आवेदन पेश कर मुआवजे की मांग की तो उन्होंने अन्यत्र शासकीय जमीन देने का वादा किया। इस पर याचिकाकर्ताओं ने कुछ दूरी पर स्थित सरकारी जमीन पर मकान बनवा लिया। जिला प्रशासन ने इसे तोड़ दिया। इसके बाद तहसीलदार के समक्ष मुआवजा के लिए आवेदन किया, लेकिन उस कोई निर्णय नहीं लिया गया। सुनवाई के बाद न्यायालय ने कलेक्टर को निर्देश दिए कि याचिकाकर्ताओं को सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए मुआवजा देने पर निर्णय लें।