जबलपुर, डेस्क। मप्र उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने आर्थिक धोखाधड़ी के आरोपितों बालाघाट निवासी अजय कुमार तिडके सहित अन्य की जमानत अर्जी निरस्त कर दी। राज्य शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता यश सोनी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि यह मामला बेहद गंभीर है। आरोपितों के खिलाफ बालाघाट के लांजी थाने में तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज हुई हैं। आरोपित रुपया दोगुना करने का झांसा देकर करोड़ों रुपये एकत्र कर चुके हैं। अनुसंधान अधिकारी आदित्य मिश्रा ने जानकारी दी कि इस मामले में 1500 करोड़ या उससे अधिक के ट्रांजेक्शन व फ्राड की आशंका है। इतनी बड़ी धनराशि का निवेश नक्सल आपरेशन के लिए भी किया जा सकता है। लिहाजा, जमानत नहीं दी जानी चाहिए। बहस के दौरान आवेदकों के अधिवक्ताओं ने दलील दी कि आरोपितों द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है। पुलिस द्वारा ज़ब्त किया गया पैसा उनका स्वयं का है। आरोपित इनकम टैक्स नियमानुसार जमा करते हैं। यही नहीं आम जनता से लिया हुआ रुपया दोगुना करके वापस लौटाया है, अत: कोई अपराध नहीं बनता।