जबलपुर। सर्वोच्च न्यायालय ने 17 जुलाई को ओबीसी प्रकरणों की सुनवाई के लिए निष्पक्ष बेंच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर याचिकाकर्ता पर पचास हजार रुपए की कॉस्ट भी लगाई थी। न्यायालय के इस
फैसले के बाद ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन जबलपुर और ओबीसी-एससी-एसटी एकता मंच ने अनोखा निर्णय लिया है। सभी ने एकमत होकर निर्णय लिया है कि कॉस्ट की उक्त राशि जमा करने के लिए ओबीसी वर्ग के लोग एक-एक रुपया जमा करेंगे।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने के पक्ष और विपक्ष में करीब 80 याचिकाएं विचाराधीन हैं। ओबीसी, एससी, एसटी एकता मंच ने इन मामलों की सुनवाई के लिए निष्पक्ष बेंच गठित करने की मांग को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर की है। मामले पर सुनवाई के दौरान शीर्ष न्यायालय के जस्टिस ऋषिकेश राय और जस्टिस पंकज मित्तल ने याचिका पर कड़ी नाराजगी जताई। इतना ही नहीं सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की बात सुनने से इनकार करते हुए 50 हजार रुपए की कॉस्ट अधिरोपित कर दी।
पूर्व मुख्यमंत्री मंडल ने किया ट्वीट
सर्वोच्च न्यायालय के उक्त निर्णय के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बीपी मंडल के पुत्र व वरिष्ठ समाजसेवी दिलीप मंडल ने ट्विटर पर अपील की है कि प्रत्येक ओबीसी परिवार एक रुपए का आर्थिक सहयोग करे, ताकि कॉस्ट की राशि सर्वोच्च न्यायालय में जमा कराई जा सके।