जबलपुर, डेस्क। मप्र उच्च न्यायालय ने उस याचिका पर राज्य सरकार सहित अन्य से जवाब मांगा, जिसमें शिक्षक भर्ती में चयनित ओबीसी उम्मीदवारों ने 13 फीसदी पद होल्ड करने को चुनौती दी। चीफ जस्टिस रवि मलिमथ व जस्टिस विशाल मिश्रा की डिवीजन बेंच ने 6 सप्ताह का समय दिया।
ओबीसी उम्मीदवारों की याचिका में कहा गया, कि आरक्षण अधिनियम 1994 में 14 अगस्त 2019 को किए गए संशोधन में ओबीसी को 14 से बढाकर 27 प्रतिशत आरक्षण की व्यस्था की गई है। उक्त संशोधन के प्रवर्तन पर उच्च न्यायालय ने किसी भी प्रकार की रोक या स्टे आदेश जारी नही किया गया है। जो भी स्थगन आदेश है, वो याचिका की विषयवस्तु नही है। जबकि मप्र शासन की ओर से प्रकरणो में नियुक्त ओआईसी ने 11 जून 2021 को उच्च न्यायालय में आवेदन दाखिल करके ओबीसी के 13 फीसदी आरक्षण को होल्ड करने का निवेदन किया। उच्च न्यायालय ने 13 जुलाई 2021 को शासन की सहमति से आदेश पारित करके शिक्षक भर्ती में ओबीसी के 13 प्रतिशत आरक्षण को होल्ड किया। ईडब्ल्यूएस के 10 फीसदी आरक्षण को याचिका के निर्णयाधीन लागू करने का आदेश दिया गया। इसके बाद अक्टूबर 2021 में की गई शिक्षको की नियुक्तियो में ओबीसी के 16 विषयों में 13 प्रतिशत पदों को होल्ड कर दिया गया है। इसके विरूद्ध यह याचिकाएं दायर की गईं।