जबलपुर, डेस्क। हाल के वर्षों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार विकास के क्षेत्र में मध्यप्रदेश की प्रगति प्रभावशाली रही है। इस उपलब्धि को जारी रखने के लिये विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति के मसौदे में कई प्रगतिशील प्रस्ताव शामिल किये जाने चाहिए, जो वैज्ञानिक अनुसंधान समुदाय के साथ-साथ सामान्य जनों द्वारा विज्ञान को समझने एवं दैनिक जीवन में इसे लागू करने के तरीकों में एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं। ये विचार मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, मैपकॉस्ट के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. आरके आर्य ने बुधवार को मप्र विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति 2022 के लिए आयोजित परामर्श और सुझाव कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये।
मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, अटल बिहारी इंस्टीट्यूट ऑफ गुड गवर्नेंस एंड पॉलिसी एनालिसिस, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय व एवं मध्य प्रदेश स्टेट पॉलिसी एंड प्लानिंग कमीशन के संयुक्त तत्वावधान में होटल कल्चुरी रेसीडेंस, जबलपुर में आयोजित इस कार्यशाला में 12 संस्थान जिसमें उद्योग, विश्व विद्यालय , निजी विश्व विद्यालय, राज्य सरकार के सभी विभाग, कृषि, शिक्षा, विज्ञान संचार एवं बेसिक साइंस से संबंधित सभी विभाग एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने अपनी सहभागिता की और कार्यशाला में राज्य की विज्ञान नीति पर उनके सुझाव प्रेषित किए।
महत्वपूर्ण विषयों पर प्रस्तुत किये सुझाव
कार्यशाला में प्रो. पीएन कोंडेकर, डायरेक्टर ट्रिपल आईटी डीएम ने विज्ञान में सेमीकंडक्टर, इसके साथ ही स्टार्टअप को विकसित करने पर सुझाव दिए। संयुक्त रूप से अथितिगणों ने साइबर सिक्योरिटी क्लाइमेट चेंज, सोलर एनर्जी और ग्रीन टेक्नोलॉजी, नवाचारों पर उनके सुझाव प्रस्तुत किये। कार्यशाला में स्टार्टअप पर भी सुझाव दिए गए जिससे प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
वैज्ञानिक नवाचारों पर जोर
कार्यशाला में स्वागत भाषण मैपकास्ट वरिष्ठ वैज्ञानिक डीके सोनी ने प्रस्तुत किया। रादुविवि बायोडिजाईन इनोवेशन सेंटर प्रमुख प्रो. एसएस संधु, प्रो. एसपी गौतम एवं धन्यवाद ज्ञापन करते हुए एमपीसीएसटी सेल समन्वयक व रादुविवि जीव विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि मप्र को ऐसे वैज्ञानिक नवाचारों और तकनीक की आवश्यकता है, जो प्रभावी समाधान तथा सकारात्मक बदलाव का मार्ग प्रशस्त कर सके। महाकौशल विज्ञान परिषद अध्यक्ष प्रो. सुनीता शर्मा ने विज्ञान के सरलीकरण और सबकी पहुंच में विज्ञान की संकल्पना पर जोर दिया। कार्यशाला का संचालन मैपकास्ट प्रधान वैज्ञानिक निपुण सिलावट ने किया इस अवसर पर सरदार पटेल विवि बालाघाट कुलपति विप्लव पॉल, मैपकास्ट एज्यु. डायरेक्टर टी. हबीब सहित प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आये शिक्षाविद् एवं वैज्ञानिक मौजूद रहे।
हितकारिणी सभा से डा नीलेश पांडेय रहे उपस्थित
हितकारिणी सभा के उच्चतर शिक्षा संस्थान हितकारिणी महिला महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ निलेश पांडे भी विषय विशेषज्ञ रूप में उपस्थित रहे और उन्होंने इस कार्यशाला में अपने सुझाव दिए उन्होंने बताया कि इस नीति में कौशल विकास के क्षेत्र में दिए हुए नीति में विशेषत: छात्राओं व महिलाओं के लिए कोई विशेष कार्यक्रम जोड़ा जाना चाहिए तथा एमएसएमई के सहयोग से अभियांत्रिकी संस्थानों के साथ-साथ उच्च शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विभिन्न पारंपरिक महाविद्यालय में भी इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना की जानी चाहिए तथा नई शिक्षा नीति के तहत विभिन्न महाविद्यालय में स्थापित स्वरोजगार केंद्र में निर्मित वस्तुओं वस्तुओं को विक्रय के लिए लिए एक ऑनलाइन या ऑफलाइन मार्केट उपलब्ध होना चाहिए जिससे वस्तुओं का निर्माण कर रही महिलाओं एवं छात्राओं को प्रोत्साहन मिल सके। ने बताया कि महिला महाविद्यालय स्वरोजगार केंद्र में छात्राओं द्वारा विभिन्न वस्तुओं का निर्माण किया जा रहा है।