जबलपुर। मप्र उच्च न्यायालय ने एमपी स्टेट बार कौंसिल की कार्यकारी सचिव गीता शुक्ला की याचिका पर जवाब-तलब कर लिया है। इस सिलसिले में स्टेट बार कौंसिल, बार कौंसिल ऑफ इंडिया, सामान्य सभा, कार्यकारिणी समिति, लेखा समिति व समन्वय समिति को नोटिस जारी किए गए हैं। जवाब पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है। अगली सुनवाई 18 जून को निर्धारित की गई है।
न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल एवं जस्टिस विशाल धगट की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता गीता शुक्ला की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने दलील दी कि याचिकाकर्ता को 30 जनवरी 2022 को एलडीसी से सहायक सचिव के पद पर पदोन्नति दी गई थी। साथ ही कार्यकारी सचिव का दायित्व भी सौंपा गया था। स्टेट बार की कार्यकारिणी समिति ने इस निर्णय से सहमत ना होकर निलंबन आदेश जारी कर दिया, साथ ही इंदौर अटैच कर दिया। कार्यकारिणी समिति के इस आदेश को सामान्य सभा ने अपने आदेश के जरिये निरस्त कर दिया। इसी के साथ गीता शुक्ला फिर से कार्यकारी सचिव बन गईं। लेकिन सामान्य सभा के आदेशों के खिलाफ कार्यकारिणी समिति अपने आदेश जारी करने में जुटी रही। उसने याचिकाकर्ता गीता शुक्ला व लालमणि पटेल नामक कर्मचारी का वेतन रोक लिया। फरवरी 2022 से अब तक चार माह का वेतन नहीं दिया गया। इस वजह से दोनों के समक्ष जीवन-यापन की समस्या खड़ी हो गई है।
वरिष्ठ सदस्य ने हस्तक्षेप किया
इस समस्या को गंभीरता से लेकर स्टेट बार के वरिष्ठ सदस्य राधेलाल गुप्ता ने बीसीआई को पत्र लिखा था। साथ ही याचिकाकर्ता गीता शुक्ला व लालमणि पटेल ने भी अभ्यावेदन सौंपे। जब कोई नतीजा नहीं निकला तो याचिका दायर की गई।