जनपद पंचायत डिंडौरी अंतर्गत ग्राम पंचायत देवरा का मामला
डिडौरी,रामसहाय मर्दन| जिले के जनपद पंचायत डिंडौरी अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्यों में उपयंत्री और ठेकेदार की मिली भगत से भारी गड़बड़ी कर भ्रष्टाचार करने के मामले लगातार सामने आ रहे है। बावजूद विभागीय अधिकारियों के द्वारा इन निर्माण कार्यों में की गई धांधली को रोकने हेतु कोई ठोस कार्रवाई नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते ग्राम पंचायतों में लाखों की लागत से कराए जा रहे निर्माण कार्य भृष्टाचार की भेंट चढ़ते नजर आ रही है।
दरअसल ग्राम पंचायतों में विगत कुछ महीने पहले अमृत सरोवर योजना के तहत जगह जगह लाखों रू. की लागत से तालाब निर्माण कराए गए जिससे कि गर्मी के समय में उस क्षेत्र की भूमि स्थल की गिरावट के कारण लोगों को पानी समस्या का सामना नहीं करना पड़े।बता दे कि पर्याप्त पानी न मिलने से ग्रामीणों को पीने के पानी से लेकर जलीय जीव और कृषि संबंधी कार्यों को गर्मी के समय काफी ज्यादा कष्ट झेलना पड़ता है। इस समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार के द्वारा अमृत सरोवर योजना के माध्यम से जिले में बडे पैमाने पर ग्राम पंचायतों में अमृत सरोवर योजना के तहत पानी रोकने के लिए तालाब का निर्माण कराया गया है। लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही कहे या मिलीभगत से तय मापदंडों को दरकिनार करते हुए तालाब निर्माण गुणवत्ताहीन किया गया है जिनकी पोल अब खुलने लगी है।
बता दे कि ऐसा ही ताजा मामला डिंडौरी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत देवरा का सामने आया है। जहां पर जल संग्रहण करने के उद्देश्य से बिही नाला में 59.80 लाख रू. की लागत से अमृत सरोवर योजना के तहत तालाब निर्माण कराया गया है। जहां पानी की लगातार रिसाव हो रहा है। जिसे देखकर लगता है कि तालाब निर्माण कराने की मंशा पूरी नहीं हो पाएगी और गर्मी से पहले तालाब सूख जाएगा।
निर्माण सामग्री के नाम पर लाखों रू. का भुगतान…..
बता दे कि डिंडौरी जनपद के ग्राम पंचायत देवरा में अमृत सरोवर योजना से बने तालाब निर्माण के लिए लाखों रू.की निर्माण सामग्री के नाम से एक ही फर्म को भुगतान किया गया हैं। वहीं कलेक्टर का निर्देश है कि एक ही फर्म से मैटेरियल खरीदी नहीं की जाएगी। इसके बावजूद जिमेमदारों के द्वारा डीएम के निर्देशों को नजर अंदाज करते हुए एक ही फर्म को लाखों रू. का भुगतान किया जा रहा है।
मनीष कंट्रक्शन एंड ट्रेडर्स को मनमानी तरीके से किया गया भुगतान….
रेत खरीदी के लिए 396000 रू. का भुगतान, 20 एमएम गिट्टी खरीदी के लिए 145246 रू. का भुगतान, 40 एमएम गिट्टी खरीदी के लिए 330420 रू, का भुगतान, और सीमेंट खरीदी के लिए 281830 रू. का भुगतान किया गया। लाखों रू. के निर्माण सामग्री खरीदी करने के बाद भी वेस्टवियर निर्माण कार्य अधूरा पडा हुआ हैं। इससे सवाल ये उठता है कि 1153496 रू. के निर्माण सामग्री खर्च करने के बावजूद वेस्ट वियर का निर्माण अधूरा क्यों है? अखिर लाखों रू. के निर्माण सामग्री कहां गई। वहीं जब संबंधित उपयंत्री गिरवर डहेरिया से खरीदी की गई निर्माण सामग्री के संबंध में जानकारी चाही गई तो उपयंत्री महोदय ने बताया कि निर्माण सामग्री की चोरी हो गई है उंहोने बताया कि दो डंपर रेत, एक डंपर गिट्टी और 40 से 45 बोरी सीमेंट की चोरी हो गई।
उपयंत्री गिरवर डहेरिया
सवाल:— उपयंत्री साहब निर्माण सामग्री चोरी की शिकायत तो जरूर आपके द्वारा थाने में की गई होगी,
जवाब:— उपयंत्री साहब गिरवर डहेरिया कि जबाब सुनकर दंग रह जाएगें, साहब मुस्कुराते हुए कहा शिकायत किसके ऊपर करें सब अपने ही लोग है।
सवाल:—उपयंत्री साहब निर्माण सामग्री चोरी से सरकार को लाखों रू. का नुकसान हो गया आप निर्माण साइड में चौकीदार रखकर निर्माण सामग्री की चोरी को रोक सकते थे लेकिन आपने चौकीदार क्यों नहीं रखा ?
जवाब :— उपयंत्री साहब ने कहा चौकीदार को मजदूरी कोन अपने जेब से मजदूरी देगा।
उपयंत्री साहब गिरवर डहेरिया की जवाब सुनकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार की लाखों रू. किस तरह बंदरबाट किया जा रहा है। उपयंत्री साहब की मंशा साफ है सिर्फ अपनी जेब भरनी हैं। सरकार की मंशा के विपरीत कार्य कर रहे उपयंत्री महोदय पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से साहब हौंसले बुंलादिया छू रही हैं।
उपयंत्री ने सरपंच पर निर्माण सामग्री चोरी के लगाए आरोप….
गौरतलब यह कि उपयंत्री ने अमृत सरोवर निर्माण सामग्री की चोरी करने का आरोप ग्राम पंचायत सरपंच पर लगाए हैं । निर्माण सामग्री की चोरी किसने की यह तो निष्पक्ष जांच से ही पता चलेगा कि सरपंच ने चोरी की या फिर उपयंत्री द्वारा कोई गडबड तो नहीं किया गया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ महीनों या कहे एक साल से लगातार उपयंत्री साहब के द्वारा स्वयं के लिए आलीशान महल का निर्माण कार्य कराया जा रहा । कहीं चोरी की निर्माण सामग्री से आलीशान महल का निर्माण तो नहीं गया, खैर यह जांच विषय हैं। अब देखना यह होगा कि विभाग के जिम्मेदारों उक्त मामले की जांच निष्पक्ष की जाती है या नहीं। यह तो आगामी कुछ दिनों में पता चलेगा।
उपयंत्री के विरूध्द कड़ी कार्रवाई की दरकार…
जिस तरह अमृत सरोवर योजना के तहत कराये जा रहे तालाब निर्माण कार्य में लगातार अनिमित्ताएं सामने आ रहीं है। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि संबंधित उपयंत्री के द्वारा उक्त तालाब के गुणवत्तापूर्ण निर्माण नहीं कराया गया। जबकि उपयंत्री एवं सहायक यंत्री को निर्माण कार्य की लगातार निरीक्षण करते हुए गुणवत्तापूर्ण कार्य करने के निर्देश दिए गए है। किंतु मापदंड को दरकिनार करते हुए स्वयं को आर्थिक लाभ पहुंचने के चलते गुणवत्ताविहीन निर्माण कराया जाना प्रतीत होता है। वहीं जिन अधिकारियों को भ्रष्टाचार रोकने का जबाबदारी दी गई है वह भी पैसों के चमक के आगे नतमस्तक हो चुके हैं। जिसे देखकर लगता है कि जिम्मेदारों के द्वारा भ्रष्टाचार का गबन करने की आजादी दे दी गई है।
इनका कहना है
मामले की जानकारी आपके माध्यम से मिली है, निर्माण सामग्री चोरी हुई है इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है। आर.ई.एस. विभाग के कार्यपालन यंत्री को बोलती हूं उक्त मामले की जांच की जाएगी।
विमलेश सिंह,जिला पंचायत सीईओ डिंडौरी
ग्राम पंचायत के द्वारा अमृत सरोवर निर्माण स्थल से कोई सामग्री नहीं लाया गया गया है। हमें मैटेरियल चोरी की कोई जानकारी नहीं है।
साजन दास बसेश,सचिव ग्राम पंचायत देवरा,जनपद पंचायत डिंडौरी
अमृत सरोवर तालाब निर्माण स्थल से मेरे द्वारा कोई निर्माण सामग्री नहीं लाया गया। मेरे द्वारा तालाब का गुणवत्ताहीन निर्माण कराने का विरोधी किया गया था। तालाब से अभी लगातार पानी रिस रहा है। जिसकी मेरे द्वारा शिकायत भी किया जा चुका है।
प्रेम सिंह ,सरपंच ग्राम पंचायत देवरा, जनपद पंचायत डिंडौरी।