डिंडौरी ,रामसहाय मर्दन| कलेक्टर विकास मिश्रा ने शासकीय कार्य में लापरवाही बरतने पर अरविन्द कटारिया प्रवाचक न्यायालय नायब तहसीलदार, वृत्त अमरपुर और आर. पी. मार्को नायब तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
अरविन्द कटारिया नायब तहसीलदार को जारी नोटिस के मुताबिक…
जारी नोटिस में उल्लेखित है की 17 फरवरी 2024 को निरीक्षण के दौरान न्यायालय में माह जुलाई 2023 से अक्टूबर 2023 तक के प्राकृतिक आपदा के 30 प्रकरण आर.सी.एम.एस. पोर्टल में दर्ज किए बिना बस्ते में बांधकर रखे जाना पाये गये। इन प्रकरणों के अवलोकन पर पाया गया कि ये प्रकरण मकान क्षतिग्रस्त होने, फसल हानि एवं कुछ प्रकरण आकाशीय बिजली गिरने से पशुओं की मृत्यु तथा 01 प्रकरण सर्पदंश से हुई मृत्यु से संबंधित है। म.प्र.राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 एवं लोक सेवा प्रबंधन विभाग के निर्देशों के अनुसार आपदाओं से संबंधित प्रकरणों का निराकरण 30 दिवस के अंदर किया जाना आवश्यक है। आपके द्वारा इन निर्देशों की उपेक्षा करते हुये प्रकरणों को आर.सी.एम.एस. में दर्ज न कर तथा इन्हें पीठासीन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत न कर अपने कर्तव्यों के प्रति उदासीनता एवं घोर लापरवाही बरती गई है। आपका उक्त कृत्य म.प्र. सिविल सेवाएं (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 के अंतर्गत कदाचरण की श्रेणी में आता है। कटारिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि क्यों न म.प्र. सिविल सेवाएं (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 10 के तहत आपकी एक वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी जाए। नोटिस प्राप्ति दिनांक से 03 दिवस के अन्दर उचित माध्यम से लिखित में इस कार्यालय में संतोषजनक उत्तर प्रस्तुत न करने पर संबंधित के विरूद्व एकपक्षीय कार्यवाही की जाएगी।
आर.पी.मार्को नायब तहसीलदार को जारी नोटिस के मुताबिक….
जारी नोटिस में उल्लेख किया गया है कि 17 फरवरी 2024 को निरीक्षण के दौरान आपके न्यायालय में राजस्व के विभिन्न शीर्षो के 443 प्रकरण लंबित पाए गए। लंबित प्रकरणों में से सबसे अधिक प्रकरण अ-6 (नामांतरण) के 272, अ-27 (बंटवारा) के 72 तथा अ-12 (सीमांकन) के 41 प्रकरण तीन माह की अवधि से लंबित पाए गए। राजस्व महाअभियान के तहत नामांतरण, बंटवारा एवं सीमाकंन के प्रकरणों का शत-प्रतिशत निराकरण करने के निर्देश दिए जाने के बाद भी आपके द्वारा इन प्रकरणों के निराकरण में कोई रूचि नहीं ली गई है। अभिलेख दुरूस्ती एवं राजस्व नक्शा में खसरा नंबर के अनुसार नक्शा ट्रेसिंग का कार्य संतोषजनक नही पाया गया। आपके वृत्त में भू-राजस्व की वसूली भी न्यूनतम स्तर पर 18.56 प्रतिशत तथा बकाया व्यपवर्तन की वसूली रू 6,27,331/- के विरूद्ध रु 7059/- पाई गई। न्यायालय में सी.एम. हेल्पलाईन के कुल 37 प्रकरण लंबित पाए गए। इनके अलावा माह जुलाई 2023 से अक्टूबर 2023 तक के प्राकृतिक आपदा के 30 प्रकरण बिना आर.सी.एम.एस. पोर्टल में दर्ज किए लंबित पाए गए तथा पी.एम. किसान के 1152 ई-केवायसी एवं 504 एन.पी.सी. आई. लंबित पाये गये। अधीनस्थ कर्मचारियों के कार्यों के पर्यवेक्षण में कमी पाई गई। आपके उपरोक्त कृत्य आपकी शासकीय कार्यों के प्रति उदासीनता एवं लापरवाही को प्रदर्शित करता है, जो कि म.प्र. सिविल सेवाएं (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 के अंतर्गत कदाचरण की श्रेणी में आते हैं। अतः श्री मार्को को कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि क्यों न म.प्र. सिविल सेवाएं (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 10 के तहत आपकी एक वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी जाना प्रस्तावित की जाए। नोटिस प्राप्ति दिनांक से 03 दिवस के अन्दर इस कार्यालय में लिखित में संतोषजनक जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर संबंधित के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही की जाएगी।
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डिंडौरी ,रामसहाय मर्दन| कलेक्टर विकास मिश्रा ने शासकीय कार्य में लापरवाही बरतने पर अरविन्द कटारिया प्रवाचक न्यायालय नायब तहसीलदार, वृत्त अमरपुर और आर. पी. मार्को नायब तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।अरविन्द कटारिया नायब तहसीलदार को जारी नोटिस के मुताबिक…जारी नोटिस में उल्लेखित है की 17 फरवरी 2024 को निरीक्षण के दौरान न्यायालय में माह जुलाई 2023 से अक्टूबर 2023 तक के प्राकृतिक आपदा के 30 प्रकरण आर.सी.एम.एस. पोर्टल में दर्ज किए बिना बस्ते में बांधकर रखे जाना पाये गये। इन प्रकरणों के अवलोकन पर पाया गया कि ये प्रकरण मकान क्षतिग्रस्त होने, फसल हानि एवं कुछ प्रकरण आकाशीय बिजली गिरने से पशुओं की मृत्यु तथा 01 प्रकरण सर्पदंश से हुई मृत्यु से संबंधित है। म.प्र.राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 एवं लोक सेवा प्रबंधन विभाग के निर्देशों के अनुसार आपदाओं से संबंधित प्रकरणों का निराकरण 30 दिवस के अंदर किया जाना आवश्यक है। आपके द्वारा इन निर्देशों की उपेक्षा करते हुये प्रकरणों को आर.सी.एम.एस. में दर्ज न कर तथा इन्हें पीठासीन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत न कर अपने कर्तव्यों के प्रति उदासीनता एवं घोर लापरवाही बरती गई है। आपका उक्त कृत्य म.प्र. सिविल सेवाएं (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 के अंतर्गत कदाचरण की श्रेणी में आता है। कटारिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि क्यों न म.प्र. सिविल सेवाएं (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 10 के तहत आपकी एक वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी जाए। नोटिस प्राप्ति दिनांक से 03 दिवस के अन्दर उचित माध्यम से लिखित में इस कार्यालय में संतोषजनक उत्तर प्रस्तुत न करने पर संबंधित के विरूद्व एकपक्षीय कार्यवाही की जाएगी।आर.पी.मार्को नायब तहसीलदार को जारी नोटिस के मुताबिक….जारी नोटिस में उल्लेख किया गया है कि 17 फरवरी 2024 को निरीक्षण के दौरान आपके न्यायालय में राजस्व के विभिन्न शीर्षो के 443 प्रकरण लंबित पाए गए। लंबित प्रकरणों में से सबसे अधिक प्रकरण अ-6 (नामांतरण) के 272, अ-27 (बंटवारा) के 72 तथा अ-12 (सीमांकन) के 41 प्रकरण तीन माह की अवधि से लंबित पाए गए। राजस्व महाअभियान के तहत नामांतरण, बंटवारा एवं सीमाकंन के प्रकरणों का शत-प्रतिशत निराकरण करने के निर्देश दिए जाने के बाद भी आपके द्वारा इन प्रकरणों के निराकरण में कोई रूचि नहीं ली गई है। अभिलेख दुरूस्ती एवं राजस्व नक्शा में खसरा नंबर के अनुसार नक्शा ट्रेसिंग का कार्य संतोषजनक नही पाया गया। आपके वृत्त में भू-राजस्व की वसूली भी न्यूनतम स्तर पर 18.56 प्रतिशत तथा बकाया व्यपवर्तन की वसूली रू 6,27,331/- के विरूद्ध रु 7059/- पाई गई। न्यायालय में सी.एम. हेल्पलाईन के कुल 37 प्रकरण लंबित पाए गए। इनके अलावा माह जुलाई 2023 से अक्टूबर 2023 तक के प्राकृतिक आपदा के 30 प्रकरण बिना आर.सी.एम.एस. पोर्टल में दर्ज किए लंबित पाए गए तथा पी.एम. किसान के 1152 ई-केवायसी एवं 504 एन.पी.सी. आई. लंबित पाये गये। अधीनस्थ कर्मचारियों के कार्यों के पर्यवेक्षण में कमी पाई गई। आपके उपरोक्त कृत्य आपकी शासकीय कार्यों के प्रति उदासीनता एवं लापरवाही को प्रदर्शित करता है, जो कि म.प्र. सिविल सेवाएं (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 के अंतर्गत कदाचरण की श्रेणी में आते हैं। अतः श्री मार्को को कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि क्यों न म.प्र. सिविल सेवाएं (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 10 के तहत आपकी एक वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी जाना प्रस्तावित की जाए। नोटिस प्राप्ति दिनांक से 03 दिवस के अन्दर इस कार्यालय में लिखित में संतोषजनक जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर संबंधित के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही की जाएगी।