मध्यप्रदेश # छतरपुर के तत्कालीन कलेक्टर के खिलाफ अवमानना मामले में हाईकोर्ट शुक्रवार को देगा फैसला

मध्यप्रदेश # छतरपुर के तत्कालीन कलेक्टर के खिलाफ अवमानना मामले में हाईकोर्ट शुक्रवार को देगा फैसला

जबलपुर। छतरपुर के तत्कालीन कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह और तत्कालीन एडीशनल कलेक्टर अमर बहादुर सिंह के खिलाफ अवमानना की सजा के सवाल पर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगा। मामले पर गुरूवार को जस्टिस जीएस आहलूवालिया की एकलपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, शुक्रवार दोपहर ढाई बजे न्यायालय अपना फैसला सुनाएगा।
न्यायालय के निर्देश पर दोनों अधिकारी हाजिर हुए। एडीशनल कलेक्टर की ओर से याचिकाकर्ता को आधा वेतन देने की पेशकश की गई। वहीं महाधिवक्ता की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता को शासन अभी वेतन भुगतान कर देगी और बाद में दोषी अधिकारी से वसूल कर ली जाएगी। पिछली सुनवाई के दौरान न्यायालय ने उक्त अधिकारियों को कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट का दोषी माना था। प्रकरण के अनुसार छतरपुर स्वच्छता मिशन के तहत जिला समन्वयक रचना द्विवेदी को बड़ा मलहरा स्थानांतरित कर दिया गया था।
दलील दी गई कि संविदा नियुक्ति में स्थानांतरण करने का कोई प्रावधान नहीं है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता डीके त्रिपाठी ने बताया कि इस मामले में उच्च न्यायालय ने 10 जुलाई 2020 को स्थानांतरण आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। उच्च न्यायालय की रोक के बावजूद याचिकाकर्ता को बड़ा मलहरा में ज्वाइनिंग नहीं देने के कारण सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। इस पर याचिकाकर्ता ने उक्त अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की।
वहीं अवमाननाकर्ता अधिकारियों ने न्यायालय को बताया कि इस मामले में जवाब प्रस्तुत करने के लिए ओआईसी नियुक्त किया गया था। ओआईसी ने जवाब भी प्रस्तुत किया था। न्यायालय ने कहा कि अवमानना प्रकरण में संबंधित अवमाननाकर्ता को ही व्यक्तिगत हलफनामे पर जवाबदावा पेश करना होता है। कोर्ट ने कहा कि ओआईसी नियुक्त करके अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। क्योंकि न्यायालय का स्थगन आदेश था, इसलिए उक्त अधिकारियों को याचिकाकर्ता की सेवाएं जारी रखने देना चाहिए था। न्यायालय ने कहा कि ऐसा नहीं करके उक्त अधिकारियों ने अदालत के आदेश का खुला उल्लंघन किया है।

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