जबलपुर। संभागीय कमिश्नर अभय वर्मा ने शनिवार को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को मॉडल स्कूल में संचालित ज्ञानाश्रय कोचिंग में मार्गदर्शन करते हुये कहा कि जैव विविधता का संरक्षण करना हम सभी का कर्तव्य है, इससे प्रकृति सुंदरता बनी रहती है।
उन्होंने कहा कि जैव विविधता के असंतुलन से प्रकृति पर गहरा प्रभाव पड़ता है। वृक्षों को काटने, झूम कृषि करना, खनन करना, नदियों पर बांध बनाना जंगली जानवरों का शिकार करना आदि कारणों से जीवों में
संकट की स्थिति देखी जा रही है। जिसके कारण टाईगर, घडियाल, मगरमच्छ, हाथी, गिद्ध, मधुमक्खी, चिड़िया, तितलियों आदि की प्रजातियों पर संकट देखा जा रहा है। इनके बचाव के लिए सरकार द्वारा वन्य जीव अभ्यारण, राष्ट्रीय उद्यान, घडियाल केन्द्र, टाईगर प्रोजेक्ट, एलीफेंट प्रोजेक्ट, जटायु ब्रिडिंग सेंटर, समुद्र प्लास्टिक बेन, ब्लू फ्लैग टैग, ई-बर्ड प्लेटफार्म विकसित किए जा रहे है।
कमिश्नर ने 17 सतत विकास लक्ष्यों पर विस्तार से चर्चा की और बताया कि किसी भी देश का सर्वांगीण विकास तभी माना जायेगा, जब देश की गरीबी समाप्त हो, भूखमरी दूर हो, स्वस्थ्य एवं आरोग्य जीवन में सुधार हो, गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा हो, लैंगिक समानता की भावना हो, शुध्द जल एवं स्वच्छता पर विशेष ध्यान हो, किफायती एवं स्वच्छ ऊर्जा, उद्योग नवाचार एवं अधोसंरचना का विकास हो, आर्थिक असमानता में कमी हो, सतत शहरी एवं समुदायिक विकास हो, जिम्मेदारी के साथ उत्पादन एवं उपभोग, जलवायु परिवर्तन, जल में जीवन, भूमि पर जीवन, शांति न्याय के लिए मजबूत संस्थान के साथ लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सभी देशों की भीगीदारी हो। उन्होंने कहा कि इन 17 लक्ष्य संयुक्त राष्ट्र द्वारा सभी देशों को विकास के लिए 2030 तक प्राप्त करना है। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भारत में मनरेगा, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, स्वच्छ भारत अभियान, अटल मिशन फोर रिजुलेशन एण्ड अरबन ट्रांसफोर्मिंग आदि योजनाऐ संचालित है। आयुक्त श्री वर्मा के मार्गदर्शन के दौरान विद्यार्थियों ने विषय संबंधित कई प्रश्न पूछे जिनका उन्होंने संतुष्टिपूर्वक जवाब दिया।