जबलपुर: पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव, मंडला कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत और सीईओ जनपद पंचायत को हाईकोर्ट का नोटिस

जबलपुर: पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव, मंडला कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत और सीईओ जनपद पंचायत को हाईकोर्ट का नोटिस

जबलपुर। मप्र उच्च न्यायालय ने कलेक्टर मंडला के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी, जिसमें ग्राम रोजगार सहायक की सेवामुक्ति को बरकरार रखते हुए उसके खिलाफ रिकवरी निकाली गई। जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने इस मामले में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव, मंडला कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत और सीईओ जनपद पंचायत को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, मामले में अगली सुनवाई 28 जून को होगी।
मंडला की रैगवां ग्राम पंचायत में ग्राम रोजगार सहायक के पद पर पदस्थ रहे, निश्चल मिश्रा ने याचिका दायर कर बताया कि उस पर मनरेगा में वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए कलेक्टर ने 4 अगस्त 2021 को उसकी सेवा समाप्त कर दी थी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुशील मिश्रा ने बताया कि उच्च न्यायालय ने 9 नवंबर 2021 को उक्त आदेश को निरस्त कर प्रकरण वापस कलेक्टर को भेजा था। उन्होंने कहा कि मप्र शासन के 21 जनवरी 2021 को जारी परिपत्र के आधार पर ग्राम रोजगार सहायक को युक्तियुक्त अवसर प्रदान किए बिना नहीं हटा सकते।
उच्च न्यायालय ने उक्त परिपत्र और सुप्रीम कोर्ट के एक न्यायदृष्टांत के आधार पर प्रकरण की पुन: जांच करने और याचिकाकर्ता को सुनवाई का अवसर देने के निर्देश दिए थे। अधिवक्ता मिश्रा ने बताया कि इसके बावजूद कलेक्टर मंडला ने केवल एक पेज का नोटिस भेजकर याचिकाकर्ता को तलब किया और बाद में उसके जवाब को संतोषप्रद नहीं मानते हुए 4 अगस्त 2021 के आदेश को यथावत कर दिया।

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