जबलपुर। जिस मेडिकल कोर्स को राज्य सरकार ने मान्यता दी है उसी कोर्स के रजिस्ट्रेशन के लिए राज्य की संस्था मप्र मेडिकल काउंसिल ने मना कर दिया। शासकीय तंत्र के इस रवैये को मप्र उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। मामले पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस रवि मलिमथ व जस्टिस पुरुषेन्द्र कुमार कौरव की खंडपीठ ने केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव, राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव, मप्र मेडिकल काउंसिल भोपाल के रजिस्ट्रार एवं नेशनल मेडिकल कमीशन के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जबलपुर की डॉ. प्राची सक्सेना, डॉ. सिद्धार्थ जैन व तीन अन्य चिकित्सकों ने याचिका दायर कर बताया कि उन्होंने देश के प्रतिष्ठत और प्राचीन कॉलेज ऑफ फिजिशियन एण्ड सर्जन मुंबई से डिप्लोमा इन मेडिकल रेडियोलॉजी एण्ड इलेक्ट्रोलॉजी का कोर्स किया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने राजपत्र में गजट नोटिफिकेशन के जरिए 11 फरवरी 2020 को डीएमआरई को मान्यता दी है। याचिकाकर्ताओं ने इस कोर्स के आधार पर मप्र मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया। मेडिकल काउंिसल ने 6 मई 2022 को आवेदन निरस्त कर दिए।