◆ क्या सूअर पालकों से भयभीत है प्रशासन?
(नवनीत दुबे)। जबलपुर– कलेक्टर डॉ.इलैया राजा टी और नगर पालिका निगम आयुक्त आशीष वशिष्ठ दोनों ही युवा हैं और एक लंबे समय के बाद संस्कारधानी को ऐसे ऊर्जावान जुझारू और कर्तव्यनिष्ठा अधिकारी मिले हैं जो शहर की तस्वीर और तकदीर बदलने का दम रखते हैं साथ ही शहर को स्वच्छता रैंकिंग में नंबर वन लाने जीत और प्रयास कर रहे हैं आम नागरिकों की समस्याओं का भी त्वरित निराकरण कर रहे हैं समूचे शहर में इनकी कार्यप्रणाली की प्रशंसा हो रही है लेकिन फिर वही प्रश्नवाचक? शहर को स्वच्छ और स्वस्थ रखने की दिशा में चल रहे कार्यों के बीच जहां अधिकारी संतुष्टि की अनुभूति कर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं पर वास्तविकता की धरा पर एक प्रमुख बात जो दृष्टिगत हो रही है जिसके कारण आमजन पीड़ा की अनुभूति से कराह रहा है वह विकराल काला धब्बा जो स्वच्छता मिशन पर लगा हुआ है वह है शहर की सड़कों से लेकर रहवासी कालोनियों में खुलेआम घूमते सूअर के झुंड जो स्वच्छ मिशन की कार्यशैली को सवालों के कटघरे में खड़ा कर रहे हैं आम पीड़ित शहरवासियों का कहना है कि जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों को आवेदन के माध्यम से कई बार अवगत कराया जा चुका है पर इस जटिल समस्या के निराकरण के प्रति जिम्मेदार आंख और कान बंद किए हुए हैं कहा तो यह भी गया कि सूअर पालकों की दबंगई से निगम के अधिकारी व कर्मी भयभीत रहते हैं और सूअरों के खिलाफ अभियान चलाकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहते क्योंकि सूअर पालकों के ऊपर राजनीतिक दिग्गजों का करहस्त है? सीधी सी बात है राजनीतिक दिग्गजों का संरक्षण प्रशासन की कार्यवाही में बाधक तो होता ही है साथ ही चर्चा यह भी है कि शुगर पालक नगर निगम के जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग के निचले क्रम से लेकर बड़े अधिकारी तक की धन सेवा करके साहब लोगों को खुश रखते हैं? ऐसे में एक बात विचारणीय है कि निगम की हाका गैंग जो आवारा घूमते गोवंश को पकड़ कर वाहनों में भरकर ले जाती है लेकिन आवारा घूमते गंदगी के पर्याय सूअर के गुंडों को पकड़ने का साहस तक नहीं जुटा पाती ऐसे में यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि गोवंश को पकड़कर इनके मालिकों से संबंधित विभाग अच्छी खासी उगाही कर लेता है और गौ पालको को अपनी अफसरशाही करो झाड़ लेता है, किंतु सूअर पालकों के समक्ष नतमस्तक हो जाता है मुद्दे की बात यह है कि कलेक्टर और आयुक्त जिस तरह शहर की स्वच्छता को लेकर गंभीर हैं ठीक इसी तरह खुलेआम घूमते शेरों के झुंड को शहर से बाहर करने मुहिम का आगाज करें अन्यथा स्वच्छता के ढोल में सुअरों के झुंड होल करते रहेंगे।