जबलपुर नवनीत दुबे : माननीय न्यायालय ने हेलमेट अनिवार्य का आदेश क्या दिया ऐसा लग रहा सड़क हादसों की मुख्य वजह हेलमेट न लगना हो,और इसी आदेश का पालन करवाने पुलिस कप्तान तुषार कांत विद्यार्थी द्वारा अधीनस्थों को निर्देशित किया कि दोपहिया वाहन चालक हेलमेट पहनकर ही वाहन चलाय ओर सख्ती से पालन होना चाहिए, बस फिर क्या “कप्तान का आदेश अधीनस्थों के कर्तव्य”, विडंबना ही कहेंगे की सड़क हादसों की प्रमुख वजह हाइवा, डम्फर ओर सवारी ऑटो की धमाचौकड़ी, भारी वाहनों का प्रमुख मार्गों में लापरवाही युक्त चालन थानों, चौकियों व यातायात विभाग के पुलिस कर्मी सभी के सभी सिर्फ हेलमेट चेकिंग के नाम पर गली, मोहल्लों, तिराहों ओर चौराहों पर चालानी कार्यवाही करने मुस्तेद है, ओर किसी भी समय अपनी सुविधा अनुसार वसूली का क्रम शुरू कर देते है? हास्यदपद ही कहेंगें कि वाहन चेकिंग के नाम पर खुली वसूली करने के चक्कर मे बेरिकेट्स लगाकर सड़क को बन्द कर देते है? जिसे देख ऐसा प्रतीत होता है मानो कोई खूंखार अपराधी को पकड़ने बड़ी संख्या में पुलिस बल लगाया गया हो, हेलमेट के नाम पर पुलिस द्वारा जिस तरह से चालानी कार्यवाही की जा रही है उसके चलते शहर का जनमानस त्रस्त होकर कप्तान साहब की इस कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है? सर्वविदित है संस्कारधानी के हाल विकास कार्यो के चलते बेहाल है अराजक यातायात, जगह जगह जाम ओर तो ओर असमाजिक तत्वों का जमघट ये सब कर्तव्य निष्ठ पुलिस कर्मियों को नजर ही नही आता है, इन्हें तो सिर्फ पुलिस कप्तान के हेलमेट आदेश का पालन करवाना है, बाकी दायित्व से इन्हें कोई सरोकार नही, हालात यही बया कर रहे है, दुर्भाग्य ही कहेंगे के लग्जरी गाड़ियों में चलने वाले अधिकारी शहर की लचर व्यवस्था और आमजन की पीड़ा नही समझ सकते जिस पीड़ा का अनुभव प्रतिदिन दो पहिया वाहन चालक कर रहे है!
जहाँ मन हुआ वहाँ लगा लेते है वाहन चेकिंग…
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