ZP अध्यक्ष ने प्रशासन के कार्रवाई पर लगाये भेदभाव के आरोप
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डिंडौरी,रामसहाय मर्दन| विगत दिनों जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते के द्वारा जल, जंगल, जमीन, शिक्षा और स्वास्थ्य सहित अन्य समस्यायों को लेकर सोमवार को जिला मुख्यालय में आयोजित जन आक्रोश रैली और कलेक्ट्रेट घेराव पर जिला प्रशासन द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते और उनके अन्य आंदोलनकारी साथियों के विरुद्ध कोतवाली में दर्ज मामला सामने आया था। जिसे जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते ने भाजपा के इशारे पर की गई कार्रवाई करार दिया है। बता दे कि शनिवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में जिला पंचायत अध्यक्ष ने बताया कहा भाजपा और कलेक्टर उनकी ताकत का अंदाजा लगा सकते हैं, लेकिन उनके समर्थकों के होंसलों का अनुमान नहीं लगा सकते। उन्होनें कहा है कि वह जनता के हित और अधिकारों की लड़ाई में जेल जाने से भी नहीं डरते हैं।उन्होंने कार्रवाई में भेदभाव के आरोप भी लगाते हुये कहा है कि जब भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट में तालाबंदी करते हैं, शाहपुर में घण्टों चक्काजाम करते हैं।तब कोई कार्रवाई नहीं होती। लेकिन जब आदिवासी अपने अधिकारों को लेकर आवाज उठाते हैं तो शिवराज सरकार आदिवासियों की आवाज दबाने मामला दर्ज करवा देती है।इससे साफ होता है कि कलेक्टर भाजपा के एजेंट के तौर पर व्यवहार कर रहे हैं।पूरे मामले पर उन्होंने कांग्रेस विधायक ओमकार मरकाम को भी आड़े हांथो लिया और आरोप लगाये हैं कि भाजपा के इस षडयंत्र में विधायक ओमकार मरकाम भी शामिल हैं।जिन्होंने कभी भी आदिवासियों के विरुद्ध दर्ज मामलों का विरोध नहीं किया।रुदेश परस्ते ने बताया है कि जिन लोगों ने विधायक ओमकार मरकाम के विरुद्ध भाषण दिया,उन्हीं पर चुन चुन कर मामला दर्ज किया गया है। इनमे हरि मरावी,राजबली, सफीक खान,लक्ष्मी मरकाम और एस के विश्वास शामिल हैं।इन सभी पर कलेक्ट्रेट परिसर में धारा 144 लागू होने के बाद भी जबरदस्ती घुसने के आरोप है।जबकि यह चारों सामाजिक कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट परिसर में घुसे ही नहीं थे।पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुये जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते ने कार्रवाई को दोषपूर्ण बतलाते हुये कहा कि BJP और विधायक ओमकार मरकाम के इशारे पर एक बालिका के विरुद्ध भी मामला दर्ज करके,अबोध बच्ची को भी आरोपी बनाया गया है।जो कानून के विरुद्ध है। ऐसी स्थिति में स्पष्ट होता है कि विधायक ओमकार मरकाम की भूमिका भी संदेहपूर्ण है।गौरतलब है कि जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते,सरपंच ग्राम पंचायत कूड़ा वैभव कृष्ण परस्ते,रमेश राजपाल,वीरेंद्र बिहारी शुक्ला, सफीक खान,एस के विश्वास और लक्ष्मी मरकाम के विरूद्ध पुलिस थाना कोतवाली डिंडौरी में गुरुवार को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 143, 145, 149, 353, 186, 188 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है।प्रशासनिक शिकायत के आधार पर दर्ज मामले में उल्लेख है कि 01 मई 2023 से कलेक्ट्रेट परिसर में धारा 144 लगाई गई है। इसके बाद भी रूद्रेश परस्ते और वैभव कृष्णा परस्ते, रमेश राजपाल, शरीफ खान, राजावली, हरि मरावी, विरेन्द्र बिहारी शुक्ला, एस.के. विश्वास, लक्ष्मी मरकाम और अन्य साथियों के साथ सोमवार 11 सितंबर को जन आक्रोश रैली लेकर कलेक्ट्रेट गेट पर पहुंचे थे। उनको कलेक्ट्रेट परिसर में धारा 144 लागू होने की जानकारी भी दी गई।लेकिन रूद्रेश परस्ते के द्वारा अपने सभी साथियों के साथ मिलकर शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाते हुए धक्का-मुक्की की और कलेक्ट्रेट परिसर में भीड़ एवं डीजे के साथ जबरन प्रवेश और नारेबाजी की गई।इसके साथ ही विधि विरूद्ध जन जमाव किया गया। इन सभी स्थितियों के मद्देनजर नायब तहसीलदार शशांक शेण्डे ने पुलिस थाना कोतवाली डिंडौरी में आवेदन देकर रूद्रेश परस्ते एवं उनके साथियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है।पत्रकारवार्ता के उपरांत जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते ने FIR में उल्लेखित बच्ची के साथ कोतवाली पहुंच मामला दर्ज करवाने वाले अधिकारियों के विरुद्ध शिकायत की है।इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ता हरि मरावी,राजवली, रमेश राजपाल,जिला सदस्य हीरा देवी परस्ते,सरपंच कूड़ा वैभव कृष्ण सहित अन्य लोग शामिल रहे।