संगठन के लिए समर्पित दावेदारों का मनोबल ना टूट जाए?
जबलपुर (नवनीत दुबे)। मध्यप्रदेश में बहुप्रतीक्षित निकाय चुनाव की तिथि घोषित होते ही भाजपा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की खुशी का ठिकाना नहीं रहा ऐसा हो भी क्यों ना संगठन की सेवा करते करते ज्यादा नहीं तो पार्षद पद की दावेदारी का हक तो बनता है और प्रत्येक दावेदार चाहे पर भाजपा का हो या कांग्रेस का संगठन की सेवा के फल स्वरुप पार्षद बनने का स्वप्न तो देखी सकता है भले वह पूरा हो या ना हो पर स्वप्न देखने का अधिकार तो हर कार्यकर्ता को है मुद्दे की बात पर आते हैं जहां संभवत कांग्रेस ने महापौर प्रत्याशी के रूप में जगत बहादुर अन्नू का नाम संस्कारधानी जबलपुर से अधिकृत कर दिया है और सिर्फ औपचारिक घोषणा बाकी है जो शीघ्र होने का अनुमान है तो वहीं भाजपा में महापौर प्रत्याशी के नाम को लेकर भीतरी खींचतान मची है चर्चा ऐसी है कि निगम के पूर्व आयुक्त रहे वेद प्रकाश शर्मा जो कलेक्टर के पद से सेवानिवृत्त होकर राजनीति के क्षेत्र में भाग्य आजमा रहे हैं और यह भी कहा जा रहा है भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों से मधुर संबंध के चलते श्री शर्मा पर्दा खेलने के मूड में है संगठन, और इसी के चलते उन्हें दिल्ली बुलाया गया है ऐसे में यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि जो कर्मठ और समर्पित कार्यकर्ता तन मन से पूर्ण निष्ठा भाव से अपनी पार्टी की सेवा में सर्वस्व निछावर कर देता है उसके त्याग को दरकिनार कर किसी आईएएस सेवानिवृत्त को प्रत्याशी बना देना उन समर्पित कार्यकर्ताओं के साथ कुठाराघात होगा वैसे यह कहना भी गलत नहीं होगा कि चुनावी माहौल है तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म रहता है खैर यह तो आलाकमान और प्रदेश चुनाव समिति निर्धारित करेगी कि किस प्रबल भाजपाई को महापौर प्रत्याशी बनाया जाता है पर जिस तरह से सियासत के गलियारों में चर्चा का बाजार गर्म है मैं किसी और और दिशा की ओर इंगित कर रहा है तो वही यह कहना भी अतिशयोक्ति नहीं होगा जगत बहादुर अन्नू संस्कारधानी का एक चर्चित चेहरा है और क्षेत्र विशेष में मजबूत पकड़ के साथ संस्कारधानी में भी अपनी विशेष छाप स्थापित करने हर संभव प्रयास कर रहे हैं ऐसे में भाजपा आलाकमान को यह बात दृष्टिगत रखनी होगी कि आगामी विधानसभा चुनाव में नगरी निकाय के प्रत्याशी का निर्धारण विधानसभा चुनाव को प्रभावित ना कर दे?