~ भाजपा प्रदेश कार्यालय में समर्थकों का शक्ति प्रदर्शन
जबलपुर नवनीत दुबे- सर्वविदित है भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धीरज पटेरिया की बीते दिनों भाजपा में वापसी हुई, धीरज का स्वागत अभिनंदन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित प्रदेश के अन्य कद्दावर वरिष्ठ भाजपाइयों ने किया, उक्त तारतम्य में यह कहना कतई अनुचित नहीं होगा की बागी माने जाने वाले श्री पटेरिया बीते दो-तीन साल तक मन-मस्तिष्क-हृदय से भाजपा के कर्मठ समर्पित सिपाही की ही भांति पार्टी की रीति-नीति का अनुसरण कर अग्रणी रहे और अटल जी की प्रतिमा अनावरण से लेकर अन्य आयोजन भी भाजपा समर्पित ही करते रहे, वह बात अलग है कि संस्कारधानी के कांग्रेसी दिग्गज के कहने पर कुछ समय के लिए कांग्रेस का दामन थाम लिया था, लेकिन कांग्रेसी उपेक्षा के दंश से आहत धीरज ने कांग्रेस का साथ छोड़ राम-राम कर ली थी, उसके बाद निरंतर भाजपाई सिपाही के कर्तव्य का पालन करते नजर आए थे धीरज की भाजपा वापसी के दौरान भोपाल में जो माहौल बना वह चर्चा का विषय बना हुआ है, धीरज समर्थक या शुभचिंतक अपने नेता के कदम से कदम मिलाकर साथ खड़े नजर आए वह भी बहुतायत संख्या में जिसमें संस्कारधानी के शुभचिंतकों की संख्या सर्वाधिक थी, साथ ही धीरज के परम मित्र श्याम सिंह ठाकुर भी उत्साह से लबरेज नजर आए, श्री पटेरिया की भाजपा वापसी के दौरान जो परिदृश्य नजर आ रहा था वह यही दर्शा रहा था कि मानो कोई दिग्गज और सामर्थ्य वान नेता की अगवानी हो रही हो जिसकी घर वापसी से भाजपाई किले की एक इमारत पुनः बुलंद हो गई हो, समूचे परिपेक्ष में यह कहना भी अति आवश्यक है कि संस्कारधानी के धीरज पटेरिया को अपने समर्थकों और शुभचिंतकों के प्रति सहज और सरल बनकर रहना लाभप्रद होगा,
क्योंकि निर्दलीय चुनाव लड़ने के बाद मिली पराजय और उसके बाद कुछ समय के लिए कांग्रेस का हाथ थामना समर्थकों को नागवार गुजरा था और धीरज समर्थक धीरज के खिलाफ मुखर हो गए थे, मुद्दे की बात पर आते हैं विधानसभा चुनाव की तिथि नजदीक आ रही है ऐसे में धीरज पटेरिया की घर वापसी संस्कारधानी के दिग्गज भाजपाइयों की नींद उड़ा कर रख दी है और इसके साथ ही रक्तचाप भी ऊपर नीचे हो रहा है क्योंकि उत्तर मध्य विधानसभा के कुछ प्रमुख दावेदार जो हर संभव प्रयत्न कर प्रत्याशी बनने का शौक संजू कर बैठे थे और कुछ तो धार्मिक आयोजनों को करके जनमानस को अपने पक्ष में आकर्षित कर रहे थे उन सभी के स्वप्न में अब धीरज आने लगे हैं साथ ही चर्चा तो यह भी है कि पूर्व राज्य मंत्री शरद जैन के माथे पर तनाव की लकीरें दृष्टिगत हो रही है? क्योंकि पहले से ही उत्तर मध्य में प्रत्याशी बनने दावेदार पूरी ताकत झोंक रहे थे और चर्चा तो यह भी हो रही है इसमें जैन बंधु ज्यादा है? आप ऐसे हालात में धीरज की घर वापसी चिंता का विषय बन गई है, अब देखना यह रोचक है कि भाजपा के धीरज के जनसमर्थन को दृष्टिगत रखते हुए भाजपा उत्तर मध्य से धीरज को मैदान में उतारती है या फिर किसी दिग्गज के चहेते को प्रत्याशी बनाती है? जो भी हो पर भाजपा के धीरज की मुश्किल है अब और बढ़ गई हैं क्योंकि धीरज विरोधी अभी से धीरज की जड़े खोखली करने में जुट गए हैं, और अति उत्साह से भरे धीरज को सियासी जमीन पर अब हर कदम फूंक-फूंक कर रखना होगा!