(मध्यप्रदेश) प्रदेश में 1348 खण्डपीठों का गठन, नेशनल लोक अदालत कल

(मध्यप्रदेश) प्रदेश में 1348 खण्डपीठों का गठन, नेशनल लोक अदालत कल

जबलपुर, साईडलुक प्रतिनिधी। कल आयोजित नेशनल लोक अदालत में उच्च न्यायालय की तीन पीठों में कुल 19 खंडपीठ व जिला एवं तहसील न्यायालयों में 1329 खंडपीठ का गठन किया गया है, इस प्रकार संपूर्ण मध्यप्रदेश में कुल 1348 खण्डपीठों का गठन किया जाकर लगभग एक लाख 80 हजार से अधिक लंबित प्रकरणों और 2.50 लाख से अधिक प्री-लिटिगेशन प्रकरणों को लोक अदालत हेतु रैफर्ड किया गया हैं।

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार व मुख्य न्यायाधिपति मप्र उच्च न्यायालय न्यायमूर्ति रवि मलिमथ और न्यायमूर्ति शील नागु, कार्यपालक अध्यक्ष मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के मार्गदर्शन में प्रदेश में उच्च न्यायालय स्तर से लेकर जिला न्यायालयों, तालुका न्यायालयों, श्रम न्यायालयों, कुटुम्ब न्यायालयों और अन्य न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा हैं, जिसमें न्यायालयीन लंबित, दीवानी व आपराधिक शमनीय मामलों और बैंक, विद्युत, श्रम, जलकर, संपत्तिकर आदि प्री-लिटिगेशन प्रकरणों सहित सभी प्रकार के राजीनामा योग्य मामले निराकरण हेतु रखे जायेगें।

नेशनल लोक अदालत में विद्युत अधिनियम के लंबित एवं प्री-लिटिगेशन प्रकरणों और मप्र नगर पालिका अधिनियम के अंतर्गत अधिरोपित संपत्ति कर एवं जलकर के प्री-लिटिगेशन प्रकरणों में विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं को नियमानुसार विभिन्न छूट प्रदान की जा रही है। पक्षकारों से अधिक से अधिक संख्या में लाभ प्राप्त करने का अनुरोध है।
कल शनिवार को होने वाले नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण पर कोर्ट फीस पक्षकार को वापसी योग्य होती है। लोक अदालत में दोनों पक्षकारों की जीत होती है, किसी भी पक्ष की हार नहीं होती है। लोक अदालत में दोनों पक्षों की सहमति से मामला रखा जाकर सौहार्दपूर्ण वातावरण में विवाद का निराकरण किया जाता है, जिससे पक्षकारों के अमूल्य समय और व्यय होने वाले धन की बचत होती है, पक्षकारों में परस्पर स्नेह भी बना रहता है। लोक अदालत में मामला अंतिम रूप से निराकृत होता है, इसके आदेश की कोई अपील अथवा रिवीजन नहीं होती है।

मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अतिरिक्त सचिव मनोज कुमार सिंह द्वारा सभी नागरिकों से आहवान किया गया है कि ऐसे इच्छुक पक्षकारगण जो न्यायालय में लंबित एवं मुकदमेबाजी के पूर्व (प्रिलिटिगेशन प्रकरण) उपरोक्त प्रकार के चिन्हित किये गये प्रकरणों व विवादों का उचित समाधान कर आपसी सहमति से लोक अदालत में निराकरण कराना चाहते है वें संबंधित न्यायालय अथवा उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से सम्पर्क करें ताकि मामला नेशनल लोक अदालत को विचार में लेकर निराकृत किया जा सके।

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