जनपद पंचायत डिंडौरी अंतर्गत ग्राम पंचायत सिलहरी का मामला…
डिंडौरी, राठौर रामसहाय मर्दन| विगत दिनों जनपद पंचायत डिंडौरी के ग्राम पंचायत सिलहरी में सरपंच अमर सिंह और प्रभारी सचिव उमाकांत धूमकेती के द्वारा केंद्रीय सहायता राशि में भारी अनियमितता को लेकर साईड लुक न्यूज में प्रमुखता से शीर्षक “15 वां वित्त टाईट फंड की राशि का बंदरबांट: सरपंच और प्रभारी सचिव ने धुंधले,बिना प्रयोजन,अमान्य फोटो के जरिए कर दिया लाखों रू.का फर्जी भुगतान” के नाम से खबर प्रकाशित किया गया था, जिस पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर के द्वारा 15 वां वित्त की राशि में हुई अनियमितता की जांच करने जनपद सीईओ निखिलेश कटारे को निर्देश दिया गया है। कलेक्टर के निर्देश पर जनपद सीईओ के द्वारा जांच टीम गठित किया गया है।
जारी पत्र के मुताबिक….
जनपद पंचायत डिंडौरी सीईओ निखिलेश कटारे के द्वारा जारी पत्र में उल्लेख किया गया है कि साईड लुक समाचार पत्र में ग्राम पंचायत सिलहरी में 15 वां वित्त आयोग की राशि एवं केंद्रीय सहायता का सरपंच/ सचिव के द्वारा अनियमितता किए जाने के संबंध में खबर प्रकाशित किया की गई। जिस पर कलेक्टर के द्वारा जांच कर प्रतिवेदन तत्काल प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
ये रहा पूरा मामला….
दरअसल ग्राम पंचायत सिलहरी सरपंच, और प्रभारी सचिव के द्वारा 15 वें वित्त की टाईट फंड की राशि का गाईडलाइन के विपरीत मानदेय , किराना समान और अन्य व्यव, फर्जी बिल, बिना प्रयोजन , बिना जीओ टैग के फर्जी और अमान्य फोटो लगाकर लाखों रुपए का भुगतान अपने चहेते सप्लायर को मटेरियल खरीदी के नाम पर नियम विरुद्ध तरीके से किया गया है, हैरानी की बात ये है कि अधिकारी भी फर्जी, धुंधले बिल अमान्य फोटो बिलों की जांच करे बिना ही लाखों रुपए का बिल पास कर भुगतान कर दिया गया है।
वहीं अब देखना यह होगा कि कलेक्टर के निर्देशों को जिम्मेदारों के द्वारा निष्पक्षता से जांच कराई जाती है या फिर खानापूर्ति तक ही सीमित रहेगा…? बरहाल जनपद सीईओ के द्वारा मामले की जांच करने दयाली सिंह मरावी पंचायत समन्वय अधिकारी जनपद पंचायत डिंडौरी को जिम्मेदारी सौंपी गई।
पूर्व में प्रकाशित खबर….
