जबलपुर। मध्यप्रदेश में जनसंख्या दर घटाने के सिलसिले में राज्य शासन को भेजे गए अभ्यावेदन पर अब तक विचार नहीं किया गया है। बावजूद इसके कि मप्र उच्च न्यायालय ने एक माह पूर्व इस सिलसिले में आदेश जारी किया था। जनहित याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के प्रांताध्यक्ष डॉ.पीजी नाजपांडे ने इस रवैये को अनुचित ठहराया है, साथ ही अधिवक्ता सुरेंद्र वर्मा के माध्यम से मुख्य सचिव को लीगल नोटिस भेज दिया है। इसके जरिये उच्च न्यायालय के पूर्व आदेश का हवाला देते हुए लंबित अभ्यावेदन पर कार्रवाई पर बल दिया गया है। साथ ही जनसंख्या दर बढ़ने की वजह से राज्य के स्रोत कम पड़ने की समस्या रेखांकित की है।