◆एड. सम्यक् जैन ने सीपीसीबी को लिखा था पत्र:-
◆आम नागरिक देख सकते है नर्मदा जल की शुद्धता, डिस्प्ले सिस्टम लगा:-
डिंडौरी(रामसहाय मर्दन)| मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शहडोल क्षेत्रांतर्गत अमरकण्टक व डिंडोरी में 64 लाख की लागत से नर्मदा नदी के जल की शुद्धता की जाँच के लिए दो स्थानो पर रियल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया गया है । यहाँ लगे डिस्प्ले बोर्ड के माध्यम से स्थानीय रहवासी एवं पर्यटकों के लिए नर्मदा नदी के जल की गुडवत्ता की जानकारी प्रदर्शित की जा रही है । पीसीबी शहडोल के क्षेत्रिय अधिकारी संजीव मेहरा ने एड़ के सम्यक् जैन द्वारा प्रेषित पत्र में उल्लेखित किया की नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकण्टक व डिंडौरी में स्थापित कंटिन्यूस रियल टाइम वोटर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से नर्मदा नदी के जल की शुद्धता को लोग पीसीपीबी की वेब्सायट पर जाकर ऑनलाइन देख रहे है । सिस्टम में ऐसी व्यवस्था है की नर्मदा नदी में ज़रा भी प्रदूषण बढ़ता है तो सीधा अलर्ट ऑनलाइन सर्वर के माध्यम से पर्यावरण निगरानी केन्द्र भोपाल में पहुँच जाता है । मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शहडोल में स्थापित पर्यावरण निगरानी कंट्रोल रूम से जल की गुडवत्ता पर सतत निगरानी रखी जा रही है ।
◆सेंसर बेस्ड है पूरा सिस्टम:-
क्षेत्री अधिकारी ने बताया की नगर परिषद अमरकण्टक एवं डिंडौरी में आवश्यक समन्वय कर अमरकण्टक व डिंडोरी में पहली बार पर्यावरण हित एवं एड़ सम्यक् जैन के पत्र से नर्मदा जल की गुडवत्ता की जाँच के लिए रियल टाइम ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम शुरू किया गया है । ये स्टेशन सेंसर पर आधारित है । जैसे ही नदी में प्रदूषित पानी मिलता है, सेंसर पता लगा लेता है और अलर्ट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के भोपाल के कंट्रोल रूम तक पहुँच जाता है । इसके आधार पर स्तिथि की समीक्षा की जाति है ।
◆ नगरीय निकाय के विरुद्ध मामला दर्ज:-
मध्य प्रदेश नियंत्रण बोर्ड अप्रभावी एवं असंतोषप्रद दूषित जल एवं नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन व्यवस्था के कारण नगर पालिका परिषद डिंडौरी के विरुद्ध मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रस्तावित पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति का विवरण तथा समय समय पर जारी किए गये निर्देश पत्रों का विवरण भी प्रतिवेदन में समादित किया गया है । यह भी विशेष रूप से उल्लेखनीय है की उक्त नगरीय निकाय के विरुद्ध प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम के तहत विधिक प्रकरण भी दायर किया गया है । उच्च स्तरीय कार्यवाही के तहत बोर्ड मुख्यालय स्तर से स्थानीय प्रशासन विभाग म.प्र. शासन को एसटीपी एवं काम्पोस्ट प्लांट के निर्माण हेतु लिखा जाना उपयुक्त बताया है साथ ही निर्माण की प्रगति काफ़ी पिछड़ी हुई है जिसका मुख्य कारण ठेकेदारों का बीच में कार्य छोड़ना बताया गया है ।
◆मुख्यमंत्री कार्यालय ने लिया था संज्ञान-
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व में सम्यक् के पत्र को संज्ञान में लेते हुए आवश्यक कार्यवाही हेतु कलेक्टर डिंडोरी रत्नाकर झा को निर्देशित कर व्यवस्था दुरुस्त कराने के भी निर्देश दिए थे ।