(रामसहाय मर्दन) डिंडौरी। अभी डिंडौरी फॉरेस्ट रेंज से तीन हाथियों ने अनूपपुर जिले की तरफ रवानगी दी ही है कि अचानक कान्हा नेशनल पार्क के रास्ते जिले में पहुंचे आधा दर्जन की संख्या में जंगली हाथियों के नये झुंड ने रविवार सोमवार दरम्यानी रात बजाग परिक्षेत्र के वन ग्राम चाडा और पश्चिम करंजिया रेंज के चकरार गांव में जमकर कहर बरपाया है।छत्तीसगढ़ के इन जंगली हाथियों में दो बच्चे और चार वयस्क हाथी शामिल हैं। पूरी तरह आक्रामक हो चुके इस ELEPHANT FAMILY के निशाने पर कम्पार्टमेंट क्रमांक 563 (B) वन ग्राम चाड़ा में आये बांस और कटहल के पेड़ को गजराजों ने उखाड़ कर फेंक दिया,वहीं देर रात कम्पार्टमेंट क्रमांक 562 चकरार गांव में आमद देकर हाथियों ने रसद की लालच में चार घरों में जमकर तोड़ फोड़ को अंजाम दिया है।इनमें से एक घर मे आटा चक्की भी संचालित थी।गजराज समूह ने घरों की दीवारों और छप्पर को नुकसान पहुंचाया है।सबसे बड़े वन्य जीव की चहलकदमी से गांवों में दहशत कायम है।सूचना पर वन विभाग के अमला ने मौके पर पहुँच नुकसान की स्थिति का जायजा लिया है।सोमवार को हाथियों ने बजाग रेंज के कंपार्टमेंट क्रमांक 553 में शरण ली है। हाथियों द्वारा मकानों सहित फसलों को पहुंचाए गए नुकसान से ग्रामीणों में आक्रोश नजर आ रहा है। गौरतलब है कि अचकनमार कॉरिडोर से सटे बजाग और करंजिया वन परिक्षेत्र में जंगली जीवों का movment लगातार कायम है।जिसके मद्देनजर पूर्व करंजिया रेंजर पुष्पा सिंह, पश्चिम करंजिया रेंज प्रभारी प्राची मिश्रा,बजाग प्रभारी वसंत शर्मा और डिप्टी रेंजर अजय मुकुंद पोल की टीम निगरानी और राहत कार्य मे जुटे हुये हैं। इसके पूर्व डिंडोरी परिक्षेत्र में तीन हाथियों ने भी जमकर तांडव मचाया था।इनके हमले में बासी देवरी निवासी कमलावती पति प्रताप नामक महिला की भी मौत हो गई थी।जबकि रूसा गांव में बैगा दंपति गंभीर रूप से घायल हो गये थे।