डिंडौरी| मेकलसूता महाविद्यालय में संचालित महिला यौन उत्पीड़न प्रतिरोध प्रतितोषण समिति द्वारा विश्व बालिका दिवस पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि आकांक्षा उपाध्याय एसडीओपी डिंडौरी, मुख्य वक्ता एडवोकेट फिरोजा सिद्दीकी समाज सेविका उपस्थित रहे। कार्यक्रम महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बी एल द्विवेदी की अध्यक्षता में हुआ कार्यक्रम की संयोजक प्रो. निशात अर्शी ने बताया कि महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न निवारण प्रतितोष अधिनियम 2013 के अंतर्गत महिलाओं के कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से संरक्षण और लैंगिक उत्पीड़न के परिवारों के निवारण तथा प्रतितोषण और उससे संबंधित या उसके अनुषांगिक विषयों का उप बंद करने के लिए इस समिति का गठन किया गया है। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में एडवोकेट सिद्धकी ने कहा कि लैंगिक उत्पीड़न के परिणाम स्वरूप भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 15 के अधीन समता तथा संविधान की जानकारी छात्राओं को दी जिसमें लैंगिक उत्पीड़न से संरक्षण तथा गरिमा से कार्य करने का अधिकार महिलाओं के प्रति सभी प्रकार के विभेदो को दूर करने संबंधी अधिकारों की जानकारी छात्राओं को दी। साथ ही आप ने यह भी बताया कि किसी भी स्थान पर 10 से अधिक व्यक्ति कार्य करते हैं तो वहां इस प्रकार की समिति का गठन होना अनिवार्य है आपने बताया की धारा 509 में किसी बात के होते हुए भी जब सत्यार्थी को अपराध का सिद्ध होता है तब महिला को ऐसी स्थिति में न्याय मिलता है साथ ही आप ने यह भी बताया कि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटनाएं तब तक नहीं होती जब तक बालिकाएं स्वयं से उनके प्रति संवेदनशील नहीं होती अतः हम सभी को सावधानी बरतनी चाहिए और अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए किसी प्रकार की अन्य गतिविधि जिससे हमारे परिवार समाज का नाम खराब हो ऐसी गतिविधियों से दूर रहना चाहिए किसी भी प्रकार के उत्पीड़न होने पर अपने अभिभावकों को अपने शिक्षकों को तथा स्थानीय पुलिस को सूचित कर उस पर तुरंत कार्यवाही की मांग करनी चाहिए अपने अधिकारों के लिए हमें आगे आना चाहिए। एसडीओपी आकांक्षा उपाध्याय ने भी छात्राओं को साइबर क्राइम के प्रति सजग रहने के लिए कहा और आपने बताया कि कैसे कभी-कभी छात्राएं ही छात्राओं की दुश्मन बन जाती हैं अतः हमें किसी भी प्रकार की वीडियो कॉलिंग से दूर रहना चाहिए मोबाइल फेसबुक व्हाट्सएप पर आपत्तिजनक तस्वीरें ना तो हमें पोस्ट करनी चाहिए और ना ही शेयर करनी चाहिए जब हम कहीं भी घूमने जाएं तो लोकेशन बार-बार फेसबुक व्हाट्सएप में शेयर नहीं करनी चाहिए हमें छोटी से छोटी बातें भी अपने अभिभावकों से गुरुजनों से शेयर करनी चाहिए किसी भी प्रकार की परेशानी यह समस्या होने पर उस बात को दबाकर चुप नहीं बैठना है बल्कि उसके लिए आवाज उठाना चाहिए और अपने हक के लिए लड़ना चाहिए फ्रेंडशिप के जरिए साइबर क्राइम का अधिकतर महिलाएं और छात्राएं शिकार हो रही हैं उससे भी हमें अगर होना है महिलाओं को निशाना बनाकर सबसे ज्यादा जिस अपराध को अंजाम दिया जाता है वह साइबर क्राइम हीं है मिस कॉल करना फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना स्टेटस अपडेट पर नजर रखना इंटरनेट मॉनिटरिंग यह सब आईपीसी धारा 354 डी के तहत दंडनीय अपराध है जबरन सेल्फी लेकर ब्लैक मेलिंग करना फ्रेंड पर वीडियो बनाने का आरोप फेसबुक अकाउंट हैक करना आपने साथ ही यह भी बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं को खास तौर पर सावधान रहना चाहिए कि कहीं किसी तरह का कैमरा रिकॉर्डिंग डिवाइस तो नहीं है अवांछनीय और बार-बार एस एम एस ईमेल कॉल्स फ्रेंड रिक्वेस्ट को लेकर भी खुद को बचाना चाहिए महाविद्यालय के प्राचार्य ने भी बताया कि 46 फ़ीसदी मामलों में छात्राएं क्राइम को दबा लेती हैं और अप्रिय घटनाओं को सामने नहीं लाती अतः किसी भी प्रकार की साइबर अपराध से पीड़ित महिलाएं छात्राएं अपने हक के लिए लड़े पुलिस की सहायता ले और अपराध का शिकार होने से बचे किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना होती है तो सर्वप्रथम अपने अभिभावकों को सूचित करें। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन प्रो. विकास जैन के द्वारा किया गया कार्यक्रम में समिति से प्रो.श्रद्धा ठाकुर, प्रो.स्वाति सिंह, प्रो सुभाष धुर्वे, डॉ. राम यादव एवं बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहे।