(रामसहाय मर्दन) डिंडौरी। जिले के कारोपानी गांव के पास एक साधु की हत्या के मामले में कोतवाली पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस अधीक्षक संजय सिंह के निर्देशन में गठित कोतवाली पुलिस की टीम की त्वरित विवेचना एवं सघन जांच के बाद पुलिस ने साधु की हत्या के आरोप में गर्राटोला निवासी 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। कोतवाली पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पकड़े गए आरोपियों में झाम सिंह मरकाम, पुहुपसिंह मरकाम , सुनील मरकाम ज्ञानसिंह मरकाम, बीरबलधुर्वे के नाम शामिल हैं। सभी आरोपियों ने अपना जुर्म करना कुबूल कर लिया है । पकड़े गए सभी आरोपियों को मेडिकल परीक्षण के बाद न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
◆ बकरी चराने को लेकर हुआ था साधु से विवाद:-
मामला डिंडोरी कोतवाली क्षेत्र के ग्राम कारोपानी का है 9 मई को नर्मदा तट पर आश्रम बनाकर रहने वाले साधू कमलानंद का कुछ ग्रामीणों के साथ आश्रम परिसर में बकरियों के घुसने को लेकर विवाद हो गया था। विवाद के बाद आरोपियों ने कमलानंद पर लाठियों से हमला कर दिया था जिसके बात कमलानंद जमीन पर गिर पड़े जिन्हें आरोपियों ने उठाकर आश्रम के तलघर में छुपा दिया था। आरोपियों ने दूसरे दिन साधु की लाश को ठिकाने लगाने के लिए आश्रम से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर सुनसान नाले में 7 फीट गहरा गड्ढा खोदकर अपराध को छिपाने एवं साक्ष्य को मिटाने के लिए लाश को दफना दिया था। घटना के बाद पुलिस ने विवेचना के दौरान मौके पर मिले साक्ष्य और अन्य संदेह के आधार पर पकड़े गए आरोपियों से सघन पूछताछ की जिसके बाद साधु का शव आरोपियों द्वारा बताए गए स्थान पर मिट्टी के नीचे दबा हुआ पाया गया था। जिसे निकालकर मेडिकल परीक्षण एवं पंचनामा तैयार किया गया था बाद में पोस्टमार्टम के बाद साधु के शव को उनके समर्थकों और शुभचिंतकों को सौंप दिया था।
◆ साधु संतो में चिंता एवं दहशत का माहौल:-
साधु कमलानंद की हत्या के बात नर्मदा तट में रहने वाले साधु संतों के साथ साथ ग्रामीण एवं कस्बाई क्षेत्रों में रहकर ईश्वर आराधना करने वाले साधु संतों में डर एवं दहशत का माहौल है। मामले पर खरगहना नर्मदा मंदिर में रहने वाले साधू पंचम नाथ ने मीडिया से चर्चा करते हुए साधुओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की। मंदिर में पूजा पाठ करने वाले साधु, योगी बाबा ने कहा कि समाज में लोगों की विकृत होती मानसिकता साधु-संतों के लिए खतरनाक है। ऐसे में धर्म एवं संस्कृति का प्रचार-प्रसार करने वाले साधु अपने आप को डरा सा महसूस कर रहे हैं। अंधे हत्याकांड का महज 10 दिनों में पर्दाफाश करने तथा सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जगन्नाथ मरकाम, एसडीओपी आकांक्षा उपाध्याय, कोतवाली प्रभारी सी के सिरामें, उप निरीक्षक गंगोत्री तुरकर, सहा. उपनिरीक्षक अतुल हरदहा, मुकेश बैरागी, प्रधान आरक्षक सतीश मिश्रा, हरनाम सिंह, आरक्षक सुनील गुर्जर, संदीप साहू की महत्वपूर्ण भूमिका रही।