डिंडौरी(रामसहाय मर्दन)। लघु कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा मत्स्य प्रसंस्करण तथा मूल्यवर्धन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें महिलाओं को मछली से कटलेट अचार पापड़ पापड़ी चकली और सेव बनाना सिखाया गया। समनापुर जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम किकरिया में 3 दिवसीय प्रशिक्षण का आज समापन हुआ। प्रशिक्षण में स्थानीय मछली पालक स्व सहायता समूह की सदस्यों के साथ किकरिया,बिलाईखार तथा बीजा गांव के 20 प्रशिक्षणार्थी शामिल हुए। परियोजना प्रभारी तथा मत्स्य वैज्ञानिक डॉ.सत्येंद्र कुमार ने बताया कि मछली से निर्मित उत्पाद कुटीर उद्योग के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। मुख्य प्रशिक्षक डॉ.सत्येंद्र कुमार ने मछली से निर्मित विभिन्न उत्पाद बनाने की जानकारी दी। उन्होंने प्रशिक्षण लेने वालों से उत्पाद भी बनवाये।कार्यशाला में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के शिव कुमार झारिया तथा अफसर खान ने प्रशिक्षणार्थियों को मार्गदर्शन दिया। कार्यक्रम के दौरान वैज्ञानिक डॉ. शैलेंद्र सिंह गौतम, गीता सिंह, मनीषा श्याम, रेण पाठक, अवधेश कुमार पटेल तथा श्वेता मसराम का योगदान रहा।